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दिल की नसों में रुकावट: क्या है और यह कैसे असर डालती है?

7 April 2025 by
Om Sharma

दिल की नसों में रुकावट: क्या है और यह कैसे असर डालती है?

हमारा दिल एक पंप की तरह काम करता है जो पूरे शरीर में खून पहुंचाता है। इस खून के साथ ऑक्सीजन और पोषक तत्व भी शरीर के हर हिस्से तक पहुंचते हैं। दिल को काम करने के लिए भी खून की जरूरत होती है, जो खास धमनियों (arteries) से उसे मिलता है। जब इन धमनियों में रुकावट आ जाती है, तो इसे ही "हार्ट ब्लॉकेज" या "दिल की नसों में रुकावट" कहते हैं।

दिल की नसों में रुकावट क्या होती है?

दिल तक खून पहुँचाने वाली मुख्य नसों को "कोरोनरी आर्टरी" कहा जाता है। जब इनमें कोलेस्ट्रॉल, फैट और दूसरी चीजें जमा होने लगती हैं, तो नसें धीरे-धीरे संकरी हो जाती हैं। इसी प्रक्रिया को "प्लाक" बनना कहते हैं। समय के साथ यह प्लाक इतनी ज्यादा हो जाती है कि खून का प्रवाह रुक जाता है या बहुत कम हो जाता है। जब दिल को पूरा खून नहीं मिल पाता, तो छाती में दर्द, सांस लेने में तकलीफ या दिल का दौरा (Heart Attack) हो सकता है।

हार्ट ब्लॉकेज के लक्षण

हर व्यक्ति को हार्ट ब्लॉकेज के लक्षण एक जैसे नहीं होते। लेकिन कुछ आम लक्षण इस प्रकार हैं:

  • छाती में दर्द या दबाव (जिसे एंजाइना कहा जाता है)
  • सांस फूलना
  • थकावट महसूस होना
  • हाथ, गर्दन, जबड़े या पीठ में दर्द
  • तेज धड़कन या धड़कन रुक-रुक कर चलना
  • ज्यादा चलने या काम करने पर जल्दी थक जाना

कुछ लोगों को "साइलेंट ब्लॉकेज" भी होता है, जिसमें कोई लक्षण नहीं दिखता, लेकिन अचानक दिल का दौरा पड़ सकता है।

हार्ट ब्लॉकेज के कारण

दिल की नसों में रुकावट कई कारणों से हो सकती है, जिनमें शामिल हैं:

  • ज्यादा कोलेस्ट्रॉल वाली डाइट लेना
  • धूम्रपान करना
  • अधिक वजन या मोटापा
  • उच्च रक्तचाप (हाई ब्लड प्रेशर)
  • डायबिटीज़
  • व्यायाम की कमी
  • तनाव और चिंता
  • अनुवांशिक कारण (परिवार में दिल की बीमारी होना)

रोकथाम कैसे करें?

हार्ट ब्लॉकेज से बचाव संभव है अगर हम कुछ जरूरी बातों का ध्यान रखें:

  • रोज़ाना हल्का व्यायाम करें, जैसे तेज़ चलना या योग करना
  • संतुलित और हेल्दी खाना खाएं, जिसमें फल, सब्ज़ियां, साबुत अनाज और कम फैट वाले प्रोटीन हों
  • धूम्रपान और शराब से दूर रहें
  • वजन को नियंत्रित रखें
  • तनाव को कम करने की कोशिश करें
  • नियमित रूप से अपना ब्लड प्रेशर, शुगर और कोलेस्ट्रॉल चेक करवाएं

इलाज के तरीके

अगर ब्लॉकेज गंभीर हो जाए तो डॉक्टर कई तरह के इलाज सुझा सकते हैं:

  1. दवाइयाँ – ब्लड थिनर, कोलेस्ट्रॉल कम करने की दवाइयाँ और ब्लड प्रेशर कंट्रोल करने की दवाइयाँ दी जाती हैं।
  2. एंजियोप्लास्टी – इसमें एक पतली नली के ज़रिए नस में गुब्बारा फुलाकर रास्ता खोला जाता है और स्टेंट डाला जाता है।
  3. बायपास सर्जरी – अगर नस बहुत ज्यादा बंद हो गई हो, तो एक नई नस जोड़कर रास्ता बनाया जाता है जिससे खून आसानी से दिल तक पहुंचे।