टाइफाइड क्या है?
टाइफाइड एक गंभीर बुखार की बीमारी है जो Salmonella typhi नामक बैक्टीरिया के कारण होती है। यह बीमारी अधिकतर गंदा पानी या संक्रमित खाना खाने से फैलती है। टाइफाइड आमतौर पर उन जगहों पर होता है जहाँ साफ-सफाई की सुविधा कम होती है।
टाइफाइड होने पर व्यक्ति को तेज बुखार, सिर दर्द, पेट दर्द, दस्त या कब्ज, भूख न लगना और कमजोरी जैसे लक्षण दिखाई देते हैं। कुछ मामलों में त्वचा पर हल्के गुलाबी दाने भी हो सकते हैं। यह बीमारी धीरे-धीरे शरीर को कमजोर बना देती है और अगर समय पर इलाज न हो, तो यह जानलेवा भी हो सकती है।
टाइफाइड से बचने के लिए साफ पानी पीना, स्वच्छ खाना खाना, हाथ धोकर खाना खाना और साफ-सफाई का ध्यान रखना बेहद जरूरी है। डॉक्टर की सलाह से टाइफाइड का टीका लगवाना भी एक अच्छा तरीका है बचाव का।
अगर किसी को लंबे समय तक बुखार बना रहे, तो तुरंत डॉक्टर से जांच करवानी चाहिए। सही समय पर इलाज शुरू हो जाए, तो टाइफाइड पूरी तरह ठीक हो सकता है।
टाइफाइड से बचाव कैसे करें
टाइफाइड एक गंभीर संक्रामक बीमारी है जो Salmonella typhi नामक बैक्टीरिया के कारण होती है। यह बीमारी मुख्य रूप से दूषित पानी और भोजन के माध्यम से फैलती है और अगर समय पर इसका इलाज न किया जाए तो यह जानलेवा भी हो सकती है। खासकर भारत जैसे विकासशील देशों में, जहां कई जगहों पर स्वच्छता की कमी है, टाइफाइड एक आम बीमारी बन चुकी है। इस लेख में हम टाइफाइड से बचाव के आसान और प्रभावी तरीकों के बारे में जानेंगे।
1. साफ-सुथरा पानी पिएं
टाइफाइड का सबसे बड़ा कारण दूषित पानी होता है। इसलिए हमेशा साफ और उबला हुआ पानी ही पीना चाहिए। यदि आप नल का पानी पीते हैं, तो उसे पहले उबाल लें या अच्छे क्वालिटी के वॉटर प्यूरीफायर का इस्तेमाल करें।
- घर में पानी को ढककर रखें।
- सड़क किनारे या खुले में मिलने वाले पानी से बचें।
- बाहर जाते समय अपने साथ पानी की बोतल रखें।
2. भोजन की स्वच्छता का ध्यान रखें
टाइफाइड फैलाने वाले बैक्टीरिया अक्सर खराब या खुले में बिकने वाले खाने में पाए जाते हैं।
- घर का बना ताजा और गर्म खाना खाएं।
- कटे-फटे फल या खुले में बिकने वाले चाट-पकौड़ी जैसे खाद्य पदार्थ न खाएं।
- फलों और सब्जियों को खाने से पहले अच्छे से धो लें या छीलकर खाएं।
- दूध और डेयरी उत्पादों को उबालकर ही सेवन करें।
3. हाथों की सफाई रखें
साफ हाथ न होने पर भी टाइफाइड का संक्रमण हो सकता है। इसीलिए हाथों की सफाई बेहद जरूरी है।
- खाने से पहले और बाद में हाथ ज़रूर धोएं।
- टॉयलेट इस्तेमाल करने के बाद हाथों को साबुन से धोना न भूलें।
- बाहर से घर आने पर हाथ धोना आदत बनाएं।
- अगर पानी उपलब्ध नहीं है, तो सैनिटाइज़र का इस्तेमाल करें।
4. स्वच्छता और सफाई का ध्यान रखें
घर और आसपास का वातावरण साफ रखना भी जरूरी है ताकि कीटाणुओं का फैलाव न हो।
- घर में साफ-सफाई रखें, खासकर रसोई और बाथरूम में।
- कूड़े को ढककर रखें और समय पर बाहर फेंकें।
- मक्खियों और कीड़ों से बचाव करें क्योंकि वे भी बीमारी फैला सकते हैं।
5. टीकाकरण कराएं
टाइफाइड से बचने के लिए अब टीके भी उपलब्ध हैं। खासकर बच्चों और उन लोगों के लिए जो टाइफाइड-प्रभावित क्षेत्रों में रहते हैं, टीकाकरण बहुत जरूरी है।
- टाइफाइड वैक्सीन डॉक्टर की सलाह से जरूर लगवाएं।
- यह टीका 2 साल से ऊपर के बच्चों को दिया जा सकता है।
- एक बार टीका लगवाने के बाद भी साफ-सफाई और खानपान का ध्यान रखना जरूरी होता है।
6. बीमारी के लक्षणों को हल्के में न लें
टाइफाइड के लक्षण आमतौर पर धीरे-धीरे सामने आते हैं, जैसे:
- लगातार बुखार (अक्सर 102°F से ऊपर)
- सिर दर्द
- पेट दर्द
- दस्त या कब्ज
- थकान और कमजोरी
अगर इन लक्षणों में से कोई भी लगातार बना रहे, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। शुरुआती जांच और इलाज से बीमारी को बढ़ने से रोका जा सकता है।
7. दवाओं का पूरा कोर्स करें
अगर किसी को टाइफाइड हो जाता है और डॉक्टर इलाज शुरू करता है, तो दवाएं बीच में न छोड़ें। टाइफाइड की एंटीबायोटिक दवाएं एक निश्चित समय तक ली जानी चाहिए। बीच में दवाएं छोड़ने से बैक्टीरिया दोबारा सक्रिय हो सकता है और स्थिति और बिगड़ सकती है।
8. बचपन से ही आदत डालें
बच्चों को शुरुआत से ही स्वच्छता और साफ पानी पीने की आदत डालना चाहिए। उन्हें यह सिखाएं कि बाहर का खाना न खाएं, हाथ धोकर ही खाना खाएं, और किसी भी बीमारी के लक्षणों को न छिपाएं।